स्वास्थ्यवर्धक नीरा अब भागलपुरवासियों की पहुंच में, जीविका एवं मद्य निषेध विभाग की पहल
BHAGALPUR: भागलपुर के नागरिक ताड़ एवं खजूर के पेड़ों से निकाले गए ठंडे, पौष्टिक और नशा रहित पेय “नीरा” का सेवन कभी भी कर सकते हैं। स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माने जाने वाले नीरा की बिक्री शहर में शुरू हो गई है। जीविका और मद्य निषेध विभाग के संयुक्त प्रयास से भागलपुर में दो स्थानों – रेलवे स्टेशन परिसर और सैंडिस कंपाउंड के मुख्य द्वार के पास – नीरा विक्रय केंद्र की शुरुआत की गई है।
राज्य सरकार नीरा के संग्रहण एवं विपणन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान योजना भी चला रही है। इस योजना के अंतर्गत नीरा संग्रहकों को 8 रुपये प्रति लीटर तथा पेड़ मालिकों को 3 रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान प्रदान किया जा रहा है। एक संग्रहक को अधिकतम ₹15,600 और एक पेड़ मालिक को ₹5,850 तक की राशि अनुदान के रूप में दी जा सकती है। इस पहल से नीरा उत्पादन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक श्री सुनिर्मल गरेन ने जानकारी दी कि जिले में 324 परिवार नीरा संग्रहण और विपणन में सक्रिय रूप से शामिल हैं। इन परिवारों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से नीरा संग्रहण की विशेष ट्रेनिंग दी गई है और उन्हें नीरा उत्पादक समूह से जोड़ा गया है। प्रत्येक संग्रहक को स्थानीय स्तर पर 10 पेड़ों के साथ जोड़ा गया है, जिन्हें पीले रंग से चिह्नित कर संबंधित संग्रहकों के नाम अंकित किए गए हैं।
इस वर्ष जिले में कुल 6 लाख 19 हजार लीटर नीरा के संग्रहण एवं बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। ताड़, खजूर या नारियल के पेड़ से सूर्योदय से पहले निकाला गया रस ‘नीरा’ कहलाता है। यह एक मीठा, ठंडा, दूधिया रंग का और पूर्णतः नशा रहित पेय है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कई बीमारियों से बचाव में सहायक होता है।
सरकार की इस पहल से न केवल ग्रामीणों को आय का स्रोत मिल रहा है, बल्कि लोगों को स्वास्थ्यवर्धक पेय विकल्प भी उपलब्ध हो रहा है। नीरा को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है और इसके सेवन को लेकर उत्साह भी देखा जा रहा है।
